Sunday 5 October 2014

उनके लिए इस जगह से बेहतर कोई जगह हो नहीं सकती

एक प्रयास ---------
आज इंडिया टीवी पर एक रिपोर्ट देख रही थी -
दिल्ली के आस-पास पाकिस्तान से आये हिन्दू शरणार्थी बसे हैं
ऐसी बदहाली में रह रहे हैं कि मत पूछिए लेकिन फिर भी खुश है !!!
सोचिये मेहनत कर एक समय खाते हैं तो दूसरे समय का ठिकाना नहीं,
कोई बुनियादी सुविधा नहीं है उनके पास ,
चूल्हा तक ढंग का नहीं बस एक जगह आंच जलाई और रोटी बना ली
लेकिन खुश है कि ये हमारा अपना देश है |
अपने बेहतर जीवन का सपना आँखों में बसाए पल -पल जीवन की जंग लड़ रहे हैं
एक तरह की मानसिक संतुष्टि है , आज़ादी है और यहाँ से जाना नहीं चाहते .....|
भारत सरकार को कोई सकारात्मक कदम उठाना चाहिए इन शरणार्थियों के लिए
विभाजन के समय पिछली पीढ़ी सही निर्णय नहीं ले पायी
जिसका भुगतान आज की पीढ़ी कर रही है .......
सब देश भारत नहीं होते जहाँ शरणार्थी हो या मेहमान सबका अपना महत्व है ......
सबके सम्मान की रक्षा सर्वोपरि है ........
मानवता के नाते हमारे देश में बांग्ला देश , अफगानिस्तान से असंख्य शरणार्थी शरण लिए हुए हैं जिनके पास इस देश के नागरिक ना होते हुए भी हर महतवपूर्ण प्रमाण पत्र मिलेगा ......
जैसे राशन कार्ड , आधार कार्ड ,वोटर पहचान पत्र ,वो इस देश के शरणार्थी हैं पर पिछले रास्ते से गहरी पैठ बना चुके हैं और आज शायद वो हमें शरणार्थी साबित कर दें| ...........
पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी पर बांग्ला देशी काबिज़ हैं ..
कच्चे -पक्के मकानों और झुग्गियों में आपको 21 वी सदी की विलासिता का पूरा संसार मिलेगा लेकिन गंदगी का वो अम्बार है कि आप यहाँ से निकल नहीं सकते नाक दबाये बिना |
लेकिन एक छोटा बांग्ला देश सरपरस्तों के साए में बसा है |
ऐसे ही यमुना विहार के सी -१२ ब्लोंक के महंगे-महंगे मकान खरीद अफगानी अपनी कालोनी बसा चुके हैं ..............
अब हमारा देश तो ना जाने कितने ही देश के शरणार्थियों को स्थायी निवासी बना चुका है तो इन शरणार्थियों के बारें में भी विचार करे
वैसे भी ये तो अगर सही समय पर आजाते तो आज नागरिक होते यहाँ के ...........
अगर वहां खुश होते तो शायद आते भी नहीं लेकिन मुसीबत के मारे भागे हैं वहां से ,
तो सरकार को सोचना चाहिए एक आम आदमी के नाते मेरी अपील है सरकार से कि कोई उचित निर्णय ले उनके पक्ष में और राहत दे उन मुसीबत के मारों को .....वैसे भी उनके लिए इस जगह से बेहतर कोई जगह हो नहीं सकती
............

Saturday 4 October 2014

मन की बात

एक प्रयास ---------


आज विविध भारती का जन्म दिन है 3 अक्टूबर 1957 ।
आज मोदीजी भी रेडियो की राह चले तो मुझे भी अपनी कुछ यादेँ साझा करने का मन हुआ।
मैने बहुत दिन से नही सुना लेकिन एक समय था कि विविध भारती के बिना दिन पूरा नही होता था । 
नई फ़िल्मोँ के 15-20 मिनट के प्रोग्राम ,गाने और सैनिक भाइयोँ का 'जयमाला' ।
एक स्टेशन पर हर शुक्रवार नाटक सुनना ।
'अच्छा चुनमुन अब हम चले' शाम पाँच बजे एक सुरीली आवाज़ !
बहुत अच्छी यादे ताज़ा हो आयीँ आज मोदीजी के संबोधन से । '
बहुत अच्छा कदम है जो मोदीजी न शुरू किया ........जन -जन तक पहुँचने के लिए
विविध भारती' को मेरी शुभकामनायेँ और बधाई ।
प्रसारण ऐसे ही होता रहे  लोग भाव-विभोर होते रहेँ 
अपनी यादों का संग्रह बढाते रहें .....


Thursday 2 October 2014

और ३२ साल बाद ये सुनहरा गोल

एक प्रयास ---------

और ३२ साल बाद ये सुनहरा गोल
  
जीत गया भारत एक और स्वर्ण! बधाई पूरी हाकी टीम को 
बधाई हर भारत वासी को 
समय सही हो तो सब अच्छा होता है
लग रहा है हर क्षेत्र में भारत का खोया गौरव लौट रहा है .......
भारत ने फ़ाइनल में पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से राया. 
इसी के साथ भारत 2016 रियो ओलंपिक खेलों की अग्नि परीक्षा पास कर योग्य साबित हुआ और ओलिम्पिक में सीधा प्रवेश पा गया कर गया है...
चिर परिचित प्रतिद्वंदी के साथ जीत का स्वाद और बढ़ जाता है
भारतीय जीत के हीरो रहे गोलकीपर श्रीजेश रविंद्रन.

भारत ने पिछली बार 1998 में एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता था.
तब भी निर्धारित समय व ओवरटाइम के बाद में दोनों टीमों 
(भारत और दक्षिण कोरिया) 
का स्कोर 1-1 से ही बराबरी पर रहा था और पेनल्टी शूटआउट से निकला नतीजा भी 
वही 4-2 का स्कोर था जिससे भारतीय टीम इस बार जीती है।

इससे पहले दोनों टीमें (भारत और पकिस्तान) हॉकी के फ़ाइनल में दिल्ली में एशियाई खेलों में आमने-सामने थीं. 
वो मैच भारतीय हॉकी को निराशा दे गया था 
दिल्ली के शिवाजी स्टेडियम में पाकिस्तान ने भारत को सात-एक गोल से परास्त किया था.
लेकिन आज सब हिसाब करते हुए भारत ने विजय पायी 

समय सही हो तो सब अच्छा होता है 
लग रहा है हर क्षेत्र में भारत का खोया गौरव लौट रहा है ...........

बधाई भारत की महिला हाकी टीम को भी खाली हाथ तो नहीं लौट रही
उसने भी जापान को परास्त कर कांस्य जीता ...




एक बार फिर से सबको बधाई ....:)
वन्दे मातरम