ज्ञानदीप
मुखपृष्ठ, लेख , हाइकु , नोट
संग्रह
- ..श्रधांजलि. (4)
- 'शोभना सम्मान २०१३' (1)
- अपूर्ण चाह (1)
- कविता (1)
- जय हिन्द (1)
- नोट (32)
- नोट-- (14)
- नोट--- (48)
- नोट---अलविदा तार (1)
- परिभाषा (1)
- पुष्पांजली (5)
- प्रेरणादायक संस्मरण (1)
- मन की बात (62)
- यादें (8)
- लेख (32)
- वन्दे मातरम (3)
- वाह (1)
- शुभकामनाएं ... (2)
- शुभकामनायें (1)
- श्रद्धांजलि (4)
- संग्रह (1)
- संस्मरण (1)
- हाइकु (11)
Wednesday 28 May 2014
Monday 26 May 2014
Friday 23 May 2014
भारत के खोये रत्न
एक प्रयास ---------इतिहास मेँ गुम दो महान व्यक्तियोँ को मिलेगा उनका खोया सम्मान ,
भारत की विदेशी सरकार ने तो एक संकुचित दायरा बना दिया था 'भारत रत्न' के लियेआज से दो और नाम इस सूची में होंगे और इस पुरूस्कार को सम्मानित करेंगे ..........
भारत रत्न 'सुभाष चन्द्र बोस' जिनके बारे में सूचना देने की शर्त पर सत्ता हाथ में ली गयी
और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक 'महामना मदन मोहन मालवीय'
जिन्हें भारत की विदेशी सरकार ने हमेशा हाशिये पर रखा .........
और ना जाने ऐसी ही कितनी शख्सियत हैं जो इतिहास के पन्नो में खो गयी हैं ......
चमक खो चुके भारत के खोये रत्न आज फिर से चमक उठे हैँ ।
अभी तो ये शुभारम्भ आगे एक लम्बी सी सूची है ।
भारत की विदेशी सरकार ने तो एक संकुचित दायरा बना दिया था 'भारत रत्न' के लियेआज से दो और नाम इस सूची में होंगे और इस पुरूस्कार को सम्मानित करेंगे ..........
भारत रत्न 'सुभाष चन्द्र बोस' जिनके बारे में सूचना देने की शर्त पर सत्ता हाथ में ली गयी
और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक 'महामना मदन मोहन मालवीय'
जिन्हें भारत की विदेशी सरकार ने हमेशा हाशिये पर रखा .........
और ना जाने ऐसी ही कितनी शख्सियत हैं जो इतिहास के पन्नो में खो गयी हैं ......
चमक खो चुके भारत के खोये रत्न आज फिर से चमक उठे हैँ ।
अभी तो ये शुभारम्भ आगे एक लम्बी सी सूची है ।
Tuesday 20 May 2014
Monday 19 May 2014
रुबिक क्यूब' --चालीस साल पूरे हुए इस खिलौने को ..
एक प्रयास --------
जब सबसे पहले इसका नाम सुना और इसके बारे में धर्मयुग में पढ़ा तो बचपन में ये एक सपना सा लगता था ......
जब सबसे पहले इसका नाम सुना और इसके बारे में धर्मयुग में पढ़ा तो बचपन में ये एक सपना सा लगता था ......
नया-नया खिलौना सामने आया था रूडकी जैसे शहर में मिलना भी मुश्किल हो गया था .....
..फिर एक दिन पिताजी ले आये और हमने बड़ी मुश्किल से एक रंग लगाना सीखा |..
..इसके बाद समस्या सभी रंगों को लगाने की रही ...
.जो एक मुश्किल काम रहा सभी के लिए
लेकिन इसके बाद भी अक्सर इसके रिकार्ड सामने आते रहते थे ........
मुंबई में बच्चों ने इतने समय में हल किया ,
उस जगह इतने समय में .......वहां इतना रिकार्ड बना
लेकिन इसके बाद भी अक्सर इसके रिकार्ड सामने आते रहते थे ........
मुंबई में बच्चों ने इतने समय में हल किया ,
उस जगह इतने समय में .......वहां इतना रिकार्ड बना
......आदि -आदि
आज समस्या हल करने की नहीं रही .........
अब कौन कितना कम समय लेगा इसे हल करने में बात ये है ..!!!
रयूबिक क्यूब का अविष्कार हंगरी के आर्किटेक्ट आर्नो रयूबिक ने 1974 में किया.
ऐसा माना जाता है कि अब तक 40 करोड़ रयूबिक क्यूब बिक चुके हैं.
सबसे तेज़ी से रयूबिक क्यूब हल करने का रिकॉर्ड 7.08 सैंकड है.
ये रिकॉर्ड एरिक एकर्सडिज्क के नाम है.
.
आज समस्या हल करने की नहीं रही .........
अब कौन कितना कम समय लेगा इसे हल करने में बात ये है ..!!!
रयूबिक क्यूब का अविष्कार हंगरी के आर्किटेक्ट आर्नो रयूबिक ने 1974 में किया.
ऐसा माना जाता है कि अब तक 40 करोड़ रयूबिक क्यूब बिक चुके हैं.
सबसे तेज़ी से रयूबिक क्यूब हल करने का रिकॉर्ड 7.08 सैंकड है.
ये रिकॉर्ड एरिक एकर्सडिज्क के नाम है.
.
Saturday 17 May 2014
१६ मई 2014
एक प्रयास ---------१-पहली बार किसी ने की अध्यात्म और अपमानित शहीदोँ की बात
२-अभी मित्र 'कुँवर दुर्गेश' की पोस्ट पढ़ी कि 'आज़ाद भारत मेँ जन्मे पहले प्रधानमंत्री मोदी' !
मुझे तो लगता है आगामी पीढ़ी के लिये भारत की आज़ादी का दिन 16 मई 2014 ही घोषित न हो जाये ।
३-दशाश्व मेघ घाट पर भव्य दृश्य , पहले कभी इस तरह के दृश्य देखने को नही मिले ।
गंगा माँ को भी लग रहा होगा अच्छा दिन है । सच मेँ अच्छा आरंभ
४-थोड़े बड़े दिल से अगर बधाई दे देते तो भारत के एक एतिहासिक क्षण के सहभागी बन जाते लालूजी !
आपकी मर्जी ।
२-अभी मित्र 'कुँवर दुर्गेश' की पोस्ट पढ़ी कि 'आज़ाद भारत मेँ जन्मे पहले प्रधानमंत्री मोदी' !
मुझे तो लगता है आगामी पीढ़ी के लिये भारत की आज़ादी का दिन 16 मई 2014 ही घोषित न हो जाये ।
३-दशाश्व मेघ घाट पर भव्य दृश्य , पहले कभी इस तरह के दृश्य देखने को नही मिले ।
गंगा माँ को भी लग रहा होगा अच्छा दिन है । सच मेँ अच्छा आरंभ
४-थोड़े बड़े दिल से अगर बधाई दे देते तो भारत के एक एतिहासिक क्षण के सहभागी बन जाते लालूजी !
आपकी मर्जी ।
Friday 16 May 2014
हार्दिक बधाई ..
एक प्रयास ---------अरे क्या था ये हवा ,आंधी , प्रचंड वेग से आया तूफ़ान .........??
आस-पास से सब उड़ गए ........
सभी भारत वासियों को हार्दिक बधाई .......हर राष्ट्रवादी को बधाई ......
जो वंचित रह गए थे १९४७ की खुली हवा के प्रथम अनुभव से आज अवसर है उन सब के लिए ...
हम सब के लिए ....खुल कर सांस लें और अनुभव करें सचमुच की आज़ादी .......
..................जय हिन्द .......जय भारत ..............वन्दे मातरम .............
आस-पास से सब उड़ गए ........
सभी भारत वासियों को हार्दिक बधाई .......हर राष्ट्रवादी को बधाई ......
जो वंचित रह गए थे १९४७ की खुली हवा के प्रथम अनुभव से आज अवसर है उन सब के लिए ...
हम सब के लिए ....खुल कर सांस लें और अनुभव करें सचमुच की आज़ादी .......
..................जय हिन्द .......जय भारत ..............वन्दे मातरम .............
Thursday 15 May 2014
ज़ायके के ज़रिए अमन का पैग़ाम
एक प्रयास -----
----
Saturday 10 May 2014
१०मई -१८५७ का भारतीय विद्रोह,
एक प्रयास ---------१८५७ का भारतीय विद्रोह, जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम,
सिपाही विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है
ब्रितानी शासन के विरुद्ध एक सशस्त्र विद्रोह था।
यह विद्रोह दो वर्षों तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में चला।
इस विद्रोह का आरंभ छावनी क्षेत्रों में छोटी झड़पों तथा आगजनी से हुआ था
परन्तु जनवरी मास तक इसने एक बड़ा रुप ले लिया।
विद्रोह का अन्त भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासन की समाप्ति के साथ हुआ,
और पूरे भारत पर ब्रितानी ताज का प्रत्यक्ष शासन आरंभ हो गया जो अगले ९० वर्षों तक चला।
सिपाही विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है
ब्रितानी शासन के विरुद्ध एक सशस्त्र विद्रोह था।
यह विद्रोह दो वर्षों तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में चला।
इस विद्रोह का आरंभ छावनी क्षेत्रों में छोटी झड़पों तथा आगजनी से हुआ था
परन्तु जनवरी मास तक इसने एक बड़ा रुप ले लिया।
विद्रोह का अन्त भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी के शासन की समाप्ति के साथ हुआ,
और पूरे भारत पर ब्रितानी ताज का प्रत्यक्ष शासन आरंभ हो गया जो अगले ९० वर्षों तक चला।
Tuesday 6 May 2014
दोष सिर्फ दिल के काले गोरों को ही नहीं दे सकते .....जब नाम ही दर्ज नहीं था तो ?????
एक प्रयास -----#भगत सिंह पर खुलासा, बिना FIR दी थी फांसी---
दोष सिर्फ दिल के काले गोरों को ही नहीं दे सकते ..............
जब नाम ही दर्ज नहीं था तो ?????
शहीद-ए-आजम भगत सिंह को फांसी दिए जाने के 83 साल बाद एक बड़ा खुलासा सामने आया है।
शहीद-ए-आजम भगत सिंह को फांसी दिए जाने के 83 साल बाद एक बड़ा खुलासा सामने आया है।
ब्रिटिश पुलिस अफसर जॉन सैंडर्स की हत्या के मामले में
पाकिस्तान के लाहौर में दर्ज एफआईआर में भगत सिंह का नाम नहीं था।
भगत सिंह को सैंडर्स की हत्या के आरोप में महज 23 साल की उम्र में मार्च 1931 में सजा-ए-मौत दी गई थी।
पाकिस्तान में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज कुरैशी ने
भगत सिंह को सैंडर्स की हत्या के आरोप में महज 23 साल की उम्र में मार्च 1931 में सजा-ए-मौत दी गई थी।
पाकिस्तान में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज कुरैशी ने
सैंडर्स की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी हासिल की है।
ऊर्दू में लिखी एफआईआर 17 दिसंबर 1928 को
ऊर्दू में लिखी एफआईआर 17 दिसंबर 1928 को
शाम साढ़े चार बजे लाहौर के अनारकली थाने में दर्ज कराई गई थी,
जिसमें 2 अज्ञात लोगों पर सैंडर्स की हत्या का आरोप लगाया गया।
शिकायतकर्ता इसी थाने का एक अधिकारी था और मामले का चश्मदीद भी था।
उसके मुताबिक जिस शख्स का उसने पीछा किया वो पांच फुट पांच इंच लंबा था,
जिसमें 2 अज्ञात लोगों पर सैंडर्स की हत्या का आरोप लगाया गया।
शिकायतकर्ता इसी थाने का एक अधिकारी था और मामले का चश्मदीद भी था।
उसके मुताबिक जिस शख्स का उसने पीछा किया वो पांच फुट पांच इंच लंबा था,
हिंदू चेहरा, छोटी मूंछें और दुबली पतली और मजबूत काया थी।
वह सफेद रंग का पायजामा और भूरे रंग की कमीज और काले रंग की छोटी क्रिस्टी जैसी टोपी पहने हुए था।
मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 120 और 109 के तहत दर्ज किया गया था।
वह सफेद रंग का पायजामा और भूरे रंग की कमीज और काले रंग की छोटी क्रिस्टी जैसी टोपी पहने हुए था।
मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 120 और 109 के तहत दर्ज किया गया था।
Subscribe to:
Posts (Atom)