गुजरात के काठियावाड़ में सोमनाथ मंदिर को कौन नही जानता।
दुर्भाग्य ही रहा कि इतिहास में इस सुनहरे देवस्थल की गाथा काले अक्षरों में अंकित है
कभी बचपन में पढ़ा था कि
सोमनाथ के मंदिर में शिवलिंग हवा में स्थित था।
चुम्बक की शक्ति से इस तरह का समायोजन किया गया था कि शिवलिंग बिना आधार या अवलम्ब के हवा में स्थित रहता था
इसके बनने-बिगड़ने का इतिहास तो पढा ही होगा
17 हमले तो गजनवी ने किए और पहली बार हमला 1026 में किया था
कितना प्राचीन है व भारत के तकनीकी ज्ञान पर कुछ भी कहना व्यर्थ है
सोमनाथ की चर्चा होती है तो भी कभी इस अनूठे कौशल के विषय मे कुछ नही पढा, हो सकता है मुझे कुछ ऐसा मिला न हो पढ़ने को
कितना अद्भुत था न चुम्बक के समायोजन से हवा में स्थापित करना वो भी हज़ारों साल पहले
भारत की यही निपुणता तो खटती थी
चिदम्बरम ,मौनी बाबा और वामपंथियों को लगता है कि भारत को वास्कोडिगामा ने खोजा
गोरों ने आकर रोटी खिलाई 🙄🙄
कुछ दिन पहले याद आया अचानक तो सोचा साझा करती हूँ
किसी को स्मरण हो आएगा तो किसी को जानकारी मिल जाएगी
इस तरह की कोई भी जानकारी अब पाठ्क्रम में नही हैं
सोमनाथ व्याख्या असीमित है
परन्तु मेरे शब्दों की सीमा है 😊
हर-हर महादेव
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