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Friday, 11 June 2021

सोमनाथ मंदिर

गुजरात के काठियावाड़ में सोमनाथ मंदिर को कौन नही जानता।
दुर्भाग्य ही रहा कि इतिहास में इस सुनहरे देवस्थल की गाथा काले अक्षरों में अंकित है
कभी बचपन में पढ़ा था कि
 सोमनाथ के मंदिर में शिवलिंग हवा में स्थित था।
   चुम्बक की शक्ति से इस तरह का समायोजन किया गया था कि  शिवलिंग बिना आधार या अवलम्ब के हवा में स्थित रहता था

इसके बनने-बिगड़ने का इतिहास तो पढा ही होगा
17 हमले तो गजनवी ने किए और पहली बार हमला 1026 में किया था
कितना प्राचीन है व भारत के तकनीकी ज्ञान पर कुछ भी कहना व्यर्थ है

सोमनाथ की चर्चा होती है तो भी कभी इस अनूठे कौशल के विषय मे कुछ नही पढा, हो सकता है मुझे कुछ ऐसा मिला न हो पढ़ने को

कितना अद्भुत था न चुम्बक के समायोजन से हवा में स्थापित करना वो भी हज़ारों साल पहले
 
भारत की यही निपुणता तो खटती थी
 चिदम्बरम ,मौनी बाबा और वामपंथियों को लगता है कि भारत को वास्कोडिगामा ने खोजा
गोरों ने आकर रोटी खिलाई 🙄🙄

कुछ दिन पहले याद आया अचानक तो सोचा साझा करती हूँ
किसी को स्मरण हो आएगा तो किसी को जानकारी मिल जाएगी
इस तरह की कोई भी जानकारी अब पाठ्क्रम में नही हैं

सोमनाथ व्याख्या असीमित है
परन्तु मेरे शब्दों की सीमा है 😊

हर-हर महादेव

Saturday, 5 June 2021

थ्येन ऑन मन चौक

सारे विश्व को अदृश्य कीटाणु से मार डालने का प्रयास 
चीन की पहली क्रूरता नही है

एक मुख्य घटना अत्यंत निंदनीय है
  जून 1989 में चीन ने अपने ही हज़ारों युवाओं को टैंको से कुचलवा दिया था
बीजिंग के थ्येन ऑन मन चौक पर ये युवा निरंकुश तानाशाह सरकार से देश में लोकतंत्र की मांग कर रहे थे
तब वहाँ की कम्युनिस्ट सरकार ने उन पर टैंक चढ़वा दिए थे 😰
प्रतिबंधित समाचार एजेंसी इतना ही चीं-चीं कर पायीं जितनी उन्हें आज्ञा मिली
करीब दस हज़ार छात्रों ने दम तोड़ दिया था😥😥
उन हज़ारों मृतकों को विनम्र श्रद्धान्जलि 🙏🏼🙏🏼

आज भी चीन में इस विषय पर खुल के बात नही कर सकते
सोचिए उन माता-पिता की विषय में 😢😢

अति महत्वाकांक्षा के चलते देश के भविष्य को समाप्त कर देने वाली क्रूर, निर्दयी, निरंकुश तानाशाही सोच क्या कर सकती है , हम भावनाओ से जुड़े देशवासी कल्पना भी नही कर सकते😡😡

भारत में लोकतंत्र की कथित हत्या पर चीख-चीख कर  रोने वाले, हमारे देश के चीन प्रेमी उस तानाशाह सरकार के चांदी के जूते खा-खा कर दुम हिलाते रहते हैं

अब ये लालची देश के कितने हितैषी होंगे या रहे होंगे
विचारणीय है

Monday, 24 May 2021

आयुर्वेद का महत्व कम नही

बाबा रामदेव जी ने मेडिकल साइंस के लिए जो भी कहा , वो गलत था या नही उन्होंने अपना वक्तव्य वापस ले लिया , फिर भी डॉक्टर्स टूट कर पड़े हैं आजतक पर
चलो ठीक है भड़ास निकालना तो बनता है

उन्होंने कहा तो सही ही था क्यों कि प्रत्येक दवा अपना साइड इफेक्ट छोड़ कर जाती है , एक बीमारी सही हो जाती है तो कहीं न कहीं अपना दुष्प्रभाव छोड़ कर जाती है 
ये भी सही है कि आज लोगों की ज़िंदगी मेडिकल साइंस पर ही निर्भर है

हाँ उनका समय सही नही था, आज की स्थिति में कहना सबसे गलत रहा
इससे डॉक्टर और पीड़ित दोनो पर  गलत प्रभाव पड़ेगा
मनोबल टूटेगा
जो नही होना चाहिए

परन्तु आज की चिकित्सा की जड़ में आयुर्वेद ही है
हमारे ऋषि- मुनि ,जड़ी-बूटी से ही बड़ी-बड़ी व्याधि सही कर देते थे, शल्य चिकित्सा हमारे ऋषियों की ही देन है
गोबर और गौमूत्र पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाले तो इसे समझ ही नही सकते 
कहना बेकार है

यदि समय रहते इन एलोपैथी दवाओं को आयुर्वेद के सर पर सवार न कर आयुर्वेद को आगे बढाया होता तो शायद जड़ी-बूटी ही सिर मौर होतीं

हाँ आज समय की मांग है मेडिकल साइंस,
 इस समय तो उसी पर निर्भर हैं और सबका विश्वास इसी पर है तो जीवनदायिनी वही है

अगर रामदेव ने कुछ कहा तो डॉक्टर्स भी कोरोनिल को अवैध ही कह रहे हैं 
क्या ये सही है ? 

आज पतंजलि के अनिल जी की मृत्यु पर कटाक्ष हो रहे हैं तो भाई कोरोना ने तो बिना भेद-भाव सब पर कहर ढाया है
न मेडिकल विभाग देखा, न आयुर्वेद , न गरीब , न अमीर
😥😥😥😥

लेकिन एक बात सच है कि शीघ्र सही होने  के लिए मेडिकल साइंस चाहिए तो जड़ से खात्मे के लिए योग और आयुर्वेद की महत्ता को भी समझना चाहिए

रही बात व्यापारी की ,तो क्या गलत है अगर वो व्यापारी हैं , व्यापारी होना कुछ गलत नही
चोरी और काला बाज़ारी से तो अच्छा ही है
समय-समय पर देश के लिए खड़े भी रहते हैं

थोड़े बड़ बोले हैं लेकिन मेरा पूरा समर्थन रामदेव जी के साथ है, 

#पतंजलि
#रामदेव

Friday, 21 May 2021

चासनाला त्रासदी

अभी-अभी जितेंद्र जी की वाल पर चासनाला के विषय में पढ़ा तो उस दुःखद घटना ने मुझे भी कई बातें लिखने को बाध्य किया

नही लिखती ये सब परन्तु मुझे वो सब स्मरण हो आया ,
 हम छोटे थे और जब समाचार पढ़ते थे और उन परिवारों की पीड़ा हावी हो जाती थी बाल मन पर 
और बहुत बुरा लगता था 😥😥

तब राजनीति की कोई न समझ थी न पता था, बस दुख था उन लोगों के लिए
जितेंद्र जी का लेख पढ़ कर मन हुआ , कुछ लिखूं
---------------------------------------------------
आज की आपदा में अव्यवस्था की बात करने वाले टूलकिट के सदस्य, विशेष तौर पर 
मंदबुद्धि कुमार इटैलियन माता , पिंकी दीदी के साथ 
चासनाला खान दुर्घटना याद करे 

1975 में हुई कोयला खान दुर्घटना में सैंकड़ो लोग मारे गए थे जो शायद दैनिक वेतन पर काम करते होंगे
खान में पानी भर गया और कार्यरत व्यक्ति वहीं फंस गए

तब केंद्र में इंदिराजी और बिहार में कॉंग्रेस ही सत्ता में थी
(तब बिहार और झारखंड एक ही थे)

मंदबुद्धि को पता होना चाहिए, उस समय सबका जमावड़ा चंडीगढ़ में था
इंदिराजी, जगन्नाथ मिश्र, और भी कई मंत्री सब चंडीगढ़ मे थे 
कोई सम्मेलन था या जो भी था 🙄

मंदबुद्धि कुमार के शब्दों में तो वो ,सैर-सपाटा था
तो पिंकी दीदी, दादी भी खूब सैर-सपाटे करती थीं
सीधे शब्दों में कहें तो

 खान में पानी भरा था और जगन्नाथ मिश्र और इंदिराजी अपने मंत्रियों के साथ चंडीगढ़ में परांठे खाने में व्यस्त थीं 😏😏

1947 के बाद 1975 तक भी देश मे खान से पानी निकालने की कोई ऐसी व्यवस्था नही थी कि 
जलमग्न हो गए उन प्राणियों को सुरक्षित निकाला जा सके
क्या कर रहे थे करीब 30 वर्षों से देश के प्रधान मंत्री ??
पानी निकालने की कोई तकनीकी व्यवस्था भी नही कर पाए 😡😡
 
तत्कालीन इंदिरा सरकार ने कोई व्यवस्था सोची भी नही
मैं छोटी थी लेकिन रोज़ पढ़ते थे कि कैसे करीब 400 प्राणी तड़प-तड़प कर प्राण त्याग रहे होंगे
कुछ पता ही नही था कि अंदर की क्या स्थिति है 😢😢

375 लोगों ने प्राण त्याग दिए 🙏🏼🙏🏼
महीनों तक खान से पानी निकाला जाता रहा 
जिसमे पोलैंड और रूस की सरकार सहायता के लिए आगे आईं
अगर वो लोग साथ न देते तो हो सकता है ये पानी 2013 तक निकला जाता रहता 😡😡

महीनों बाद सड़े-गले शव हैलमेट के नम्बर से पहचाने गए
संसार की बड़ी त्रासदी में से एक थी चासनाला खान दुर्घटना
😥😥

मंदबुद्धि एवम परिवार को दादी, पापा व दादी के पापा के काले कारनामों से भी अवगत होना चाहिए

आपदा 2020-2021 में ही नही आईं
भोपाल कांड, चासनाला कांड, कश्मीर त्रासदी
1984 में बड़े पेड़ गिरने से हुई त्रासदी
2013 केदारनाथ त्रासदी

पहले भी देश मे बहुत कुछ हुआ है और अव्यवस्था  इतनी रही कि स्थिति को कभी भी सम्भाला नही जा सका

आज की व्यवस्था देख कर ही उस समय की अव्यवस्था स्मरण हो आयी
अंतर साफ दिखाई दे रहा है
व्यवस्था और अव्यवस्था का 👍

सोच-समझ कर बोलो मुन्ने नही तो
शेखचिल्ली ने खिचड़ी को खा-चिड़ि कर अपना ही नुकसान किया था 

(वैसे इनसे तो यह भी कहना व्यर्थ ही है 😊😊)

😏😏

#ToolkitVirus
#CongressToolkitExposed

Tuesday, 18 May 2021

लक्ष्य 2022

टोटी भैया, पिंकी दीदी,विश्व विदूषक और फुआ
 सब के सब कुंठित हैं 
 विरोध और भड़काऊ पोस्ट कर रहे हैं
वो भी  वातानुकूलित कमरों से 😀😀
गर्मी बहुत है भई 😏😏

वैक्सीन लगवाने को इन्होंने ही मना किया था जनता को
मत लगवाओ, मत लगवाना
समय-समय पर प्रमाण के रूप में सबके वक्तव्य हैं 

परन्तु हउआ आते हीटोटी भैया, पिंकी दीदी,विश्व विदूषक और फुआ
 सब के सब कुंठित हैं 
 विरोध और भड़काऊ पोस्ट कर रहे हैं
वो भी  वातानुकूलित कमरों से 😀😀
गर्मी बहुत है भई 😏😏

वैक्सीन लगवाने को इन्होंने ही मना किया था जनता को
मत लगवाओ, मत लगवाना
समय-समय पर प्रमाण के रूप में सबके वक्तव्य हैं 

परन्तु हउआ आते ही
सब दुष्टों ने दौड़-दौड़ कर लगवा ली 😡
कौन रह गया , इनकी बातों में आने वाली जनता 🤔

दोषी कौन मरने की प्रेरणा देने वाला या बचाने वाला ?

#एक_ही_विकल्प_योगीजी
#लक्ष्य2022
सब दुष्टों ने दौड़-दौड़ कर लगवा ली 😡
कौन रह गया , इनकी बातों में आने वाली जनता 🤔

दोषी कौन मरने की प्रेरणा देने वाला या बचाने वाला ?

#एक_ही_विकल्प_योगीजी
#लक्ष्य2022

केदारनाथ त्रासदी 2013

2013  केदारनाथ त्रासदी कोई मत भूलना 😥😥जब माँ-बेटे सैर-सपाटे पर थे
मौनी बाबा का होना न होना अर्थहीन😏
मृतकों की कितनी दुर्गति हुई थी 🙏🏼🙏🏼

जब संसार जान गया तो दामाद जी की कम्पनी को ठेका दिया गया वहां से मृतकों को निकालने के लिए और 
करोड़ों कमा कर वो भी बैठ गए

कुछ ट्रक पारले जी भेजे गए तो भी पता नही पहुंचे य्या नही

आज चिल्ला-चिल्ला कर देश की चिंता करने वाले मंदबुद्धि कुमार को स्मरण कराया जाए 2013 का वो भयावह दृश्य

#ToolkitVirus
#केदारनाथ_त्रासदी_2013

बुद्धिजीवी वर्ग

देश का एक बुद्धिजीवी वर्ग किसका दायित्व 2014 से पहले तो सरकार को रोज़ साष्टांग प्रणाम करना था 

परंतु 2014 के बाद से देश की सहिष्णुता और असहिष्णुता को मापना उनका एकमात्र महत्वपूर्ण कार्य है
और ये अलीबाबा का ऐसा गिरोह है जिसमे चालीस नही असंख्य सदस्य हैं

चोर नही डाकू कहना ठीक 🤔 करीब पांच हज़ार सरकारी बंगलों पर इनका अधिकार है
जैसे ही उस ओर कोई कदम उठाया जाता है तभी असहिष्णुता चरम पर पहुंचने लगती है
वैसे असहिष्णुता फैलने के तो न जाने कितने कारण हैं
   
 असहिष्णुता हो,वर्तमान सरकार को अपमानित करना हो, देश की छवि बिगाड़नी हो ये समूह एक साथ धावा बोलता है
 जयचंदी चोले में लिपटे ये विषधर समय-समय और विष वमन करते ही रहते हैं

#toolkitvirus
#Hive
#जयचंद

Thursday, 6 May 2021

जय श्री राम

भारत एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र झेल रहा है
और लक्ष्य मोदी नही
हिन्दू , हिंदुत्व, सनातन है
सालों पहले भी जब कायर अलेक्जेंडर (काहे का महान, लुटेरा था 😏😏 ) निकला था तब भी भारत की समृद्धि, विकास
और प्रतिभा उनके आंखों में खटकती थी
भारत का दुर्भाग्य रहा एकता का अभाव 😥😥 जो तब भी था और आज भी है
विद्रोही विदेशियों के लिए पलक-पाँवड़े बिछाए तब भी बैठे थे
आज भी बैठे हैं
४७ में अगर देश सही हाथों में आ जाता तो  लगभग ७४  साल में हमारी पीढ़ी उल्टा-सीधा इतिहास पढ़ कर बड़ी न होती
भारतीय संस्कृति से जुड़ी रहती
देश भक्ति का पाठ पढ़ाना न पड़ता
आयुर्वेद और योग होता तो आज भारत तो कम से कम न जूझता इस सब से
लेकिन दो जिन्ना आये और दो पाकिस्तान बने
भारतीय जिन्ना का और पाकिस्तानी जिन्ना का 😥😥

आज चीन, पाक,के साथ खाली दिमाग वाले और मिल गए हैं, जिन्हें खालिस्तान चाहिए
एक अकेला मोदी शत्रु से तो कर ले सामना
जयचंदों से कैसे निबटे जो अंदर बैठे जड़ें हिला रहे हैं
धर्म परिवर्तन, गला काट राजनीति, झूठ को सच बनाना
विदेशी टुकड़े चबा-चबा कर यही कर रहे हैं
भारत विश्व गुरु बना तो सबकी जड़ें हिल जाएंगी
इस लिए ये वार हम पर है, हिन्दू पर है

एकता से ही सब सम्भव है
हमारे लिए परीक्षा की घड़ी और अस्तित्व की लड़ाई है जिसे मोदीजी के साथ जीतना ही होगा

जय श्री राम 🙏🏼🙏🏼

Wednesday, 9 September 2020

#शिक्षक दिवस

सर्वपल्ली राधा कृष्णन जी के जन्म दिवस पर कोटि-कोटि नमन 🙏🙏
शिक्षा जीवन भर चलती है ,माता-पिता ,घर के अन्य बड़े ,स्कूल के अध्यापक ,समय,अनुभव हमें हर पल इन सबसे कुछ न कुछ सीखने को मिलता रहता है :) 
सभी हमारे शिक्षक हैं
चेहरे बदल जाते हैं लेकिन गुरु और शिष्य अपने क्षेत्र में जमे रहते हैं 🤗
पग-पग पर समय-समय पर अनेक शिक्षकों का मार्ग दर्शन ही यहाँ तक ले आया । 
कई लोगों का स्थान अति विशिष्ट बन जाता है वो हमेशा स्मरण रहते हैं परन्तु किसी के भी योगदान को कम  नहीं आंक सकते  
घर, प्राइमरी स्कूल से लेकर कॉलेज तक की यात्रा रोचक रही , ज्ञानवर्द्धक रही बहुत स्मरणीय रही । 
अनेक लोगों का सहयोग मिला  
आज नही जानती कौन कहाँ हैं, कैसे हैं  ?
लेकिन अपने सभी शिक्षकों की ,गुरुजनों की,
माता-पिता की अपने प्रत्येक मार्ग-दर्शक की हृदय से आभारी हूँ , कृतज्ञ हूँ ❤️❤️❤️❤️
समस्त गुरुजन को करबद्ध नमन 🙏🙏🙏🙏 
सीखने के पल का कोई अंत नही 😊 परन्तु औपचारिक शिक्षा का समापन हो ही जाता है😊😊
नीचे प्रथम और अंतिम औपचारिक शिक्षा संस्थान  
🤗🤗
अंतिम औपचारिक शिक्षा संस्थान

प्रथम औपचारिक शिक्षा संस्थान

Monday, 11 January 2016

एक प्रयास ---------कभी संजय निरुपम सम्पादक बन कुछ लिख देते हैं तो कभी नितीश कुमार बिहार बेवसाइट पर गुणगान करते नज़र आते है और निशाने पर है बस एक परिवार ,देश का महान परिवार !
अब कोई कितनी भी सफाई दे ,कुछ भी कहें सच तो ये है कि ये ये उनके मन की सच्ची बात है शुद्ध देशी भाषा में कहें तो 'घड़ा भर' गया है |
ये कोई आश्चर्य जनक बात नही समय कभी एक सा नही रहता
और घड़ा एक न एक दिन ज़रूर भरता है |
दुनिया का कोई भी देश हो घड़ा सब जगह भरता है :):)

Sunday, 5 October 2014

उनके लिए इस जगह से बेहतर कोई जगह हो नहीं सकती

एक प्रयास ---------
आज इंडिया टीवी पर एक रिपोर्ट देख रही थी -
दिल्ली के आस-पास पाकिस्तान से आये हिन्दू शरणार्थी बसे हैं
ऐसी बदहाली में रह रहे हैं कि मत पूछिए लेकिन फिर भी खुश है !!!
सोचिये मेहनत कर एक समय खाते हैं तो दूसरे समय का ठिकाना नहीं,
कोई बुनियादी सुविधा नहीं है उनके पास ,
चूल्हा तक ढंग का नहीं बस एक जगह आंच जलाई और रोटी बना ली
लेकिन खुश है कि ये हमारा अपना देश है |
अपने बेहतर जीवन का सपना आँखों में बसाए पल -पल जीवन की जंग लड़ रहे हैं
एक तरह की मानसिक संतुष्टि है , आज़ादी है और यहाँ से जाना नहीं चाहते .....|
भारत सरकार को कोई सकारात्मक कदम उठाना चाहिए इन शरणार्थियों के लिए
विभाजन के समय पिछली पीढ़ी सही निर्णय नहीं ले पायी
जिसका भुगतान आज की पीढ़ी कर रही है .......
सब देश भारत नहीं होते जहाँ शरणार्थी हो या मेहमान सबका अपना महत्व है ......
सबके सम्मान की रक्षा सर्वोपरि है ........
मानवता के नाते हमारे देश में बांग्ला देश , अफगानिस्तान से असंख्य शरणार्थी शरण लिए हुए हैं जिनके पास इस देश के नागरिक ना होते हुए भी हर महतवपूर्ण प्रमाण पत्र मिलेगा ......
जैसे राशन कार्ड , आधार कार्ड ,वोटर पहचान पत्र ,वो इस देश के शरणार्थी हैं पर पिछले रास्ते से गहरी पैठ बना चुके हैं और आज शायद वो हमें शरणार्थी साबित कर दें| ...........
पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी पर बांग्ला देशी काबिज़ हैं ..
कच्चे -पक्के मकानों और झुग्गियों में आपको 21 वी सदी की विलासिता का पूरा संसार मिलेगा लेकिन गंदगी का वो अम्बार है कि आप यहाँ से निकल नहीं सकते नाक दबाये बिना |
लेकिन एक छोटा बांग्ला देश सरपरस्तों के साए में बसा है |
ऐसे ही यमुना विहार के सी -१२ ब्लोंक के महंगे-महंगे मकान खरीद अफगानी अपनी कालोनी बसा चुके हैं ..............
अब हमारा देश तो ना जाने कितने ही देश के शरणार्थियों को स्थायी निवासी बना चुका है तो इन शरणार्थियों के बारें में भी विचार करे
वैसे भी ये तो अगर सही समय पर आजाते तो आज नागरिक होते यहाँ के ...........
अगर वहां खुश होते तो शायद आते भी नहीं लेकिन मुसीबत के मारे भागे हैं वहां से ,
तो सरकार को सोचना चाहिए एक आम आदमी के नाते मेरी अपील है सरकार से कि कोई उचित निर्णय ले उनके पक्ष में और राहत दे उन मुसीबत के मारों को .....वैसे भी उनके लिए इस जगह से बेहतर कोई जगह हो नहीं सकती
............

Thursday, 25 September 2014

24 सितम्बर २०१४ भारत के लिए सुनहरा दिन -ऐसा रहा मार्स ऑर्बिटर मिशन का 300 दिन का सफर

एक प्रयास ---------
24 सितम्बर २०१४ भारत के लिए सुनहरा दिन बन गया एक अनोखा इतिहास लिख डाला हमारे वैज्ञानिकों ने -----
सभी वैज्ञानिक बने बधाई के पात्र उन्ही के प्रयासों से भारत के इतिहास में आज का दिन 
'स्वर्णाक्षरों' में लिखा गया , एक अनोखा इतिहास लिखा गया सभी वैज्ञानिकों को इस अभियान से जुड़े हर व्यक्ति को दिल से बधाई उन्होंने विश्व में भारत का नाम उंचा किया 

















भारत ने आज अपने मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) को लाल ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। 

इस उपलब्धि तक पहुंचने में यान को 300 दिन का समय लगा। 


 मंगलयान के 300 दिन तक के सफर में हुई घटनाओं का घटनाक्रम 

5 नवंबर 2013: ---


इसरो के पीएसएलवी सी 25 ने आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन का प्रक्षेपण किया।

 7 नवंबर: पहली पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
 8 नवंबर: दूसरी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
 9 नवंबर: तीसरी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
 11 नवंबर: चौथी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
 12 नवंबर: पांचवी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न।
 16 नवंबर: छठी पृथ्वी-नियंत्रित प्रक्रिया संपन्न। 

 
 1 दिसंबर:

एमओएम ने छोड़ी पृथ्वी की कक्षा,
 मंगल की ओर रवाना (ट्रांस मार्स इंजेक्शन)

 4 दिसंबर

एमओएम 9.25 लाख किलोमीटर के दायरे वाले पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकला।
 
 11 दिसंबर: 

अंतरिक्षयान पर पहली दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न।
 
 11 जून 2014

दूसरी दिशा संशोधन प्रक्रिया संपन्न।



 22 सितंबर

एमओएम ने किया मंगल के गुरूत्वीय क्षेत्र में प्रवेश, 
300 दिन तक निष्क्रिय पड़े रहने के बाद 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर का प्रायोगिक परीक्षण,
यानी उसे चला कर देखा गया , चार सेकण्ड तक चलाया गया और जब वो चल गया तो वैज्ञानिकों ने चैन की साँस ली
अगर कहीं वो फेल हो जाता तो अभियान की सफलता पर प्रश्नचिंह लग सकता था  

अंतिम पथ संशोधन कार्य संपन्न।

 24 सितंबर:
एमओएम मंगल की लक्षित कक्षा में पहुंचा,
दुनिया के ५१ मिशन में से २१ मिशन  ही सफल हुए और उसमे से हम एक हैं
१२ मिनट २८ सेकण्ड बाद यान से संकेत मिलने शुरू हो गए ........


मंगल यान के खच महत्वपूर्ण बिंदु -------
 १-भारत कम लागत में भेजने वाला पहला देश बना दुनिया भर में 
२-४५० करोड़ रुपये की लगत वाला मंगल यान सबसे किफायती और सफल अभियान
३-इसे भेजने के बाद दुनिया में 
यूरोपीय संघ , अमेरिका , रूस के बाद चौथे नंबर पर भारत ,
४-एशिया में नबर एक बना भारत
५-यूरोपीय संघ , अमेरिका , रूस के यान मंगल पर गए अवश्य पर के प्रयास  के बाद
६-मंगल यान लाल ग्रह की सतह और उसके खनिज अवयवों का अध्ययन करेगा 

७-मीथेन गैस की खोज भी करेगा और मीथेन का लक्ष्य ले जाने वाला पहला यान है ये 
७-मीथेन जीवन संबधी मुख्य रसायन है .....
अगर वहां मीथेन मिला तो जानिये जीवन संभव है वहां |

'इसरो' ने जारी की मंगल यान की भेजी पहली तस्वीर-२५ सितम्बर 
२२ सितम्बर २०१४ को भारत के यान का स्वागत करने हेतु नासा का "मावेन मिशन "
पहले ही स्थापित था लेकिन मंगल यान की चकाचोंध में उसकी चमक कहीं खो गयी ........
कम से कम भारत के किसी भी समाचार एजेंसी ने इसकी सुध नहीं ली .........
इसका बजट मंगल यान से दस गुना अधिक है ........
इतिहास में पहली बार दो देशों के मंगल अभियान एक साथ संपन्न हुए
'मावेन' अमेरिका का १५ वां अभियान है नासा के शुरू के छह अभियान विफल हुए 

लेकिन 'मावेन' को मिला कर नौ अभियान सफल हुए
२००३ --यूरोपीय एजेनसी का मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर
जापान ने भी प्रयास किया पर विफल हुआ
रूस का विफल अभियान फोबोस ग्रन्ट मिशन जो प्रथ्वी की कक्षा से बाहर ही नहीं आया था | 

Saturday, 9 August 2014

क्या आप जानते हैं ..??????

एक प्रयास ---------1951 में पहले एशियन खेलों की मेजबानी करने वाले मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में शाम को तीन बजकर 50 मिनट पर सूर्य की किरणों से इंचियोन एशियन खेलों की मशाल को प्रज्ज्वलित किया गया। ----



63 साल बाद भारत का मेजर ध्यानचंद स्टेडियम फिर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना और यह पहली बार है कि भारत से बाहर होने वाले एशियन खेलों की मशाल यहां प्रज्ज्वलित की गई।
साधारणत: अभी तक मशाल को मेजबान शहर में ही प्रज्ज्वलित किया जाता है।


पहले एशियन खेलों की 61 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक लैंप को भी इस रिले के दौरान प्रदर्शित किया गया।
भारत के बाद यह टॉर्च विहेई, चीन होते हुए 13 अगस्त को इंचियोन पहुंचेगी।

Friday, 23 May 2014

--ज़िदगी का सार

एक प्रयास ---माँ के हाथ से लड्डू ,माँ से101 रु का शगुन और ढेर सा आशीर्वाद---- '
माँ' यही है भावी प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत ज़िदगी का सार 

भारत के खोये रत्न

एक प्रयास ---------इतिहास मेँ गुम दो महान व्यक्तियोँ को मिलेगा उनका खोया सम्मान , 
 भारत की विदेशी सरकार ने तो एक संकुचित दायरा बना दिया था 'भारत रत्न' के लियेआज से दो और नाम इस सूची में होंगे और इस पुरूस्कार को सम्मानित करेंगे ..........
भारत रत्न 'सुभाष चन्द्र बोस' जिनके बारे में  सूचना देने की शर्त पर सत्ता हाथ में ली गयी  

और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय  के संस्थापक 'महामना मदन मोहन मालवीय' 
जिन्हें भारत की विदेशी सरकार ने हमेशा हाशिये पर रखा .........
और ना जाने ऐसी ही कितनी शख्सियत हैं जो इतिहास के पन्नो में खो गयी हैं ......
चमक खो चुके भारत के खोये रत्न आज फिर से चमक उठे हैँ ।  
अभी तो ये शुभारम्भ आगे एक लम्बी सी सूची है ।

Saturday, 10 May 2014

१८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम-10 मई

एक प्रयास ---------1857-59' के दौरान हुये भारतीय विद्रोह के प्रमुख केन्द्रों: 
मेरठदिल्ली,कानपुर , लखनऊझाँसी, और ग्वालियर को दर्शाता सन 1912 का नक्शा।

Monday, 10 March 2014

#इतिहास में भारतीय लोकतंत्र ( २५-१०-१९५१ से २१-०२-१९५२ )

एक प्रयास ---------

१-२५ अक्तूबर १९५१---- पहले आम चुनाव में ,देश का पहला वोट हिमाचल के चिनी तहसील में पडा था .......
२-कांग्रेस की सर्वोच्चता को चुनौती देते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जन्सघ की स्थापना की ........
३-बाबा आंबेडकर ने शेड्यूल कास्ट फेडरेशन को जीवित किया बाद में इसे रिपब्लिकन पार्टी से जाना गया ......
४-कांग्रेस ने ४८९ में से ३८९ सीट जीती , उस समय विपक्षी नेता का चलन नहीं था 
५-प्रथम लोकतंत्र के प्रधान मंत्री बन गए राजवंशी नेहरु जी .........

------# इतिहास में भारतीय लोकतंत्र (२४-०२-१९५७ से ०९-०६-१९५७ )

एक प्रयास --------

१-दूसरी लोकसभा में भी नेहरूजी को बहुमत मिला और फिर सत्ता पर काबिज़ हो गए

२- फ़िरोज़ गांधी भी दूसरी बार राय बरेली से जीते ......
.........फिरोज गांधी को आदर्शवादी राजनीतिज्ञ माना जाता था. .
उनके विचार नेहरू जी से नहीं मिलते थे इसलिए कई मौको पर नेहरू सरकार की निंदा भी की.
आजादी के बाद बहुत से 
व्यावसायिक घरानों और नेताओं की गलत क्रियाकलापों को सामने लाने का साहस फ़िरोज़ गांधी ने ही किया
1956 में फिरोज गांधी ने तब देश के सबसे अमीर लोगों में एक रामकिशन डालमिया का घपला उजागर किया जो सरकार के बहुत करीब थे. डालमिया को दो साल की जेल हुई. 
1958 में फिरोज गांधी ने देश के सबसे बड़े पहले वित्तीय घोटाले 'हरिदास मूंदड़ा घोटाला' उजागर किया 
जिसके बाद नेहरू सरकार की साफ़ -सुथरी छवि धूमिल हुई और दोनों के सम्बन्ध भी बिगड़ गए ...........

३- २-एक अटल व्यक्तित्व 'अटल जी' भी पहली बार जनसंघ से संसद में पहुंचे

Saturday, 1 March 2014

157 साल बाद होगा शहीदों का अंतिम संस्कार----

एक प्रयास ---------

चलो कोई तो याद आया !! कुछ संस्कार हैं शायद उनकी किस्मत में .......!!!

अनाम देश भक्तों को देश की भाव-भीनी श्रधान्जली.........

अंग्रेजों के खिलाफ 1857 की लड़ाई में पंजाब में शहीद हुए 
250 से ज्यादा सैनिकों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

इतिहासकार सुरिंदर कोछड़ ने काफी मेहनत के बाद एक कुएं को खोज निकाला 
जो अंग्रेजों के बर्बर चेहरे को दिखलाता है।

 पंजाब के अजनाला में इस कुएं की 157 साल बाद खुदाई हो रही है। 

मकसद है 282 शहीदों के अवशेष तलाशना।

1857 की लड़ाई में अंग्रेजों ने 237 सैनिकों को गोली मारकर 
जबकि 45 सैनिकों को जिंदा ही इस कुएं में दफना दिया था। 

कुछ सालों बाद इस जगह पर गुरुद्वारा बनाया गया, 
लेकिन ये मामला सामने आने के बाद एक साल में पहले यहां दूसरा गुरुद्वारा तैयार किया गया, 
फिर पुराने गुरुद्वारे को हटाया गया। 

और अब सरकार ने तय किया है कि भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम के सैनिकों को पूरा सम्मान दिया जाएगा, 
साथ ही उनकी अस्थियों को प्रवाहित भी किया जाएगा।

अनाम देश भक्तों को देश की भाव-भीनी श्रधान्जली.........

Tuesday, 25 February 2014

-सादर नमन पर्वत-पुरुष के दृढ संकल्प को , इच्छा शक्ति को ................

एक प्रयास ---------सादर नमन पर्वत-पुरुष के दृढ संकल्प को , इच्छा शक्ति को ................

दशरथ माँझी के बारे में बचपन में कादम्बिनी में पढ़ा था ........ माँझी के स्थान पर लिखा था ........'दशरथ मल्लाह'.....
और कुछ साल पहले मेंने इसी नाम से सर्च भी किया था तब पता चला कि यहाँ माँझी दर्ज है
याद है कुछ चित्र थे एक व्यक्ति के जो स्वयं भी नहीं जानता था कि इतिहास रचेगा 
क्यों कि तब वो प्रयासरत थे अपने काम में और कदम बढ़ रहे थे सफलता की ओर........
मात्र छेनी-हथौड़ी से पर्वत का सीना चीर देने वाले उस पर्वत पुरुष ने साठ गाँव के लोगो की राह आसान कर दी ..........
भारत के आम आदमी के प्र्रयास को आम आदमी ने भी लताड़ा -दुत्कारा लेकिन बाईस साल के प्रयास ने लोहा मनवा ही दिया .................

दुखद ये रहा कि 22 साल की इस कठोर तपस्या में सिर्फ एक संबल था उनका और वो थी उनकी पत्नी 'फागुनी देवी ...'
..............जिनके लिए ये तप किया था दशरथ माँझी ने
वो उस दिन को देखने के लिए जिंदा नहीं रही जब वो सपना पूरा हुआ ...........
रास्ता बन कर तैयार होने से लगभग दो साल पहले ही वो चल बसी ..........

......अभी -अभी पढ़ा 'आमिर खान' को 'दशरथ मांझी' याद आये ......उनका परिवार खुश है एक विजेता को याद किया जा रहा है .........शायद आमिर का प्रयास उनका सपना पूरा कर पाए .............जिसे आधा अधूरा छोड निकल पड़े वो अनंत यात्रा पर ........
पढेंगे तो पता चलेगा कि ये प्रोत्साहन मिलता है गरीब आम आदमी को .............
...........यही है कटु सत्य .............सादर नमन पर्वत-पुरुष के दृढ संकल्प को , इच्छा शक्ति को ................
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क्या कठिनाई रही दशरथ मांझी के रास्ते में .......?
साभार -----रविन्द्र संजय जी --------

''धीरे धीरे लोगों को दशरथ मांझी की इस उपलब्धि का अहसास हुआ ....बात बाहर निकली ........पत्रकारों तक पहुंची .......news papers , magazines में छपने लगा तो सरकार तक भी खबर पहुंची ........

नितीश बाबू ने कहा सम्मान करेंगे ......जो सड़क काट के बनायी है उसे PWD से पक्का करवाएंगे जिससे की ट्रक बस आ सके ..........गहलौर से वजीर गंज तक पक्की सड़क बनवायेंगे ......बिहार सरकार का सबसे बड़ा पुरस्कार दिया ........भारत सरकार को पद्मभूषण देने के लिए नाम प्रस्तावित किया ...........पर वाह रे मेरे भारत देश ...वाह .......आगे क्या हुआ ?????? सुनिए ........

1 ) वन विभाग बोला दशरथ मांझी ने गैर कानूनी काम किया है ......
हमारी ज़मीन को हमसे पूछे बिना कैसे खोद दिया .........
इसलिए वहां पक्की सड़क नहीं बन सकती .......
वन विभाग ने कोर्ट से stay ले लिया है ..........
दशरथ मांझी नहीं रहे और वो रास्ता आज भी वैसा ही है जैसा वो छोड़ कर गए
....गाँव वाले किसी तरह वहां से साइकिल ,मोटर साइकिल वगैरह निकाल लेते हैं

2 ) वजीर गंग से गहलौर वाली सड़क अभी तक अटकी हुई है क्योंकि वन विभाग की ज़मीन पर PWD कैसे सड़क बना सकती है ...????

3 ) पद्म भूषण भी जांच में फंस गया ...ये कहा गया किपहले जांच कराओ
क्या वाकई एक आदमी ने ही अकेले इतना बड़ा पहाड़ खोद दिया ......
कैसे खोद सकता है ...??
.ज़रूर अन्य लोगों ने मदद की होगी .........सिद्ध करना होगा कि ये काम अकेले ही किया गया है ...................'
है ना कमाल ..?????

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