Saturday, 16 January 2016

ठण्ड भी नन्हा बचचा

एक प्रयास ---------ठण्ड भी नन्हे बच्चे जैसी !!
जब तक स्कूल बन्द रहे ठण्ड भी छुट्टी पर रही और खिली धूप का मज़ा लेती रही 
जैसे ही स्कूल खुला  प्रतीक्षित ठण्ड भी हाज़िर बैग और बच्चों को कपड़े से लदे-फदे देखने के लिए
चेहरे तो किसानो के भी खिले
चलिए इससे पहले ये विदा ले मिलकर लुत्फ़ उठाते हैं 
जय हो शुभ हो

2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (18-01-2016) को "देश की दौलत मिलकर खाई, सबके सब मौसेरे भाई" (चर्चा अंक-2225) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete

आपके आगमन पर आपका स्वागत है .......
आपके विचार हमारे लिए अनमोल है .............