एक प्रयास ---------
जादुई क़ालीन पर बैठकर देश-दुनिया की सैर करने का सपना
अब बचपन की यादों से निकलकर हक़ीकत बनने जा रहा है.
प्रिंसटन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक का
इस्तेमाल कर प्रयोगशाला में उड़ने वाला एक ‘छोटा क़ालीन’
बनाने में सफलता हासिल की है.
दस सेंटीमीटर के एक पारदर्शी प्लास्टिक के टुकड़े पर
किए गए इस प्रयोग में बिजली की तरंगों और हवा
के ज़ोर का इस्तेमाल किया गया.
इस टुकड़े को जब विद्युत तरंगों और वायु की ऊर्जा
से धकेला गया तो यह ‘छोटा-क़ालीन’ एक
सेंटीमीटर प्रति सेकेंड की रफ़्तार से आगे बढ़ने लगा.
वैज्ञानिकों का मानना है
कि इस क़ालीन के पहले प्रारुप में बदलाव और
सुधारों के ज़रिए इसे एक मीटर प्रति सेकेंड की गति से उड़ने के लायक बनाया जा सकता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रयोग के पूरी तरह सफल होने
और इस क़ालीन के तैयार होने पर इसे
मंगल जैसे ग्रहों की ऊबड़-खाबड़ ज़मीन और
धूलभरे-धुंधले वातावरण में इस्तेमाल किया जा सकता है.
ऐसी जगहों पर आमतौर से अंतरिक्ष यान या
विमान चल नहीं पाते और ख़राब हो जाते हैं.
कालीन की सार्थक और विज्ञान परक जानकारी
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
धन्यवाद ज्योति जी
Deletekalpna jagat ko saty sabit karti sundar jankari pradan karti prastuti
ReplyDeleteआभार अज़ीज़ जी
Deleteइसका मतलब बचपन में सुनी कहानियां अब यथार्थ में बदलने को तैयार है, बडा रोमांच सा महसूस हो रहा है, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
राम -राम ताऊ
Deleteलगता है अब इस कालीन पर बैठ कर बच्चों को सुनायेंगे
कि हम ऐसी ही कहानियाँ दादी -नानी से सुना करते थे ,.........आभारी हूँ
arey waah...ye to bade pate ki baat kahi...ab to jadoo jaisa kuch possible hai life mein
ReplyDeleteज़रूर , पधारने के लिए आभार
Deleteरोमांचक व अद्भुत जानकारी साझा करने के लिए आभार......
ReplyDeleteधन्यवाद अरुण जी
Deleteरोमांचक व अद्भुत जानकारी साझा करने के लिए आभार......
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .. आपकी इस रचना के लिंक का प्रसारण सोमवार (03.06.2013)को ब्लॉग प्रसारण पर किया गया है. कृपया पधारें .
ReplyDeleteआभारी हूँ neeraj जी सम्मिलित करने के लिए
Deleteऔर क्षमा प्रार्थी भी समय पर उपस्थित नहीं हो सकी
rochak aur gyanvardhak jaankari ...vaise vaigyanikon ko mangal se pahle bharat me ise test kar lena chahiye ..
ReplyDeleteये बहुत पते की बात कही आपने ............
Deleteआभार कविता जी
कमाल है...
ReplyDeleteसतीश जी :)
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