Saturday, 16 January 2016

एक प्रयास ---------
ज़िन्दगी क्या है तू ??
दर्द और संघर्ष से रिश्ता बचपन से रहा था
उसे पता तो था कि ज़िन्दगी के कई आयाम खिली धूप की सुनहरी चमक से हैं लेकिन उस धूप की किरणे उसकी ज़िन्दगी को चमकाने में असमर्थ रही हैं अब तक
उसकी ज़िन्दगी तो आज तक संघर्ष का पर्याय रही है
ज़िन्दगी के कई आयाम से उसके आँगन का कोई परिचय नही रहा कभी |अपने यहां लोगो को हमेशा दुःख में शामिल होते देखा
जब किसी की हंसी-ख़ुशी , नाच-गाने में शामिल हुई तो सवाल किया ज़िन्दगी क्या है तू ??
किसी के लिए धूप-छाँव तो किसी के लिए कड़ी धूप ?
किसी के लिए सुनहरी किरणें तो किसी के लिए अमावस्या की काली रात |लेकिन वो निराश नही  आशावान है
उसे प्रतीक्षा है उस सुनहरी नन्ही किरण का जो उसके लिए भी ज़िन्दगी का नया सवेरा लाएगी ई
उसके छोटे से आँगन में भी सुनहरी चमक आएगी
उसका संघर्ष रंग लाएगा उसके जीवन को महकायेगा





2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना, "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 18 जनवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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