एक प्रयास ---------एक प्रयास ---------
ढरका आँचल
सिंदुरा झल्काए
सजी सुहाग
मंद मुस्काये|
लाल हथेली
कुछ इतराए
चूड़ी कंगना
ताल मिलाये|
धीरे -धीरे
अंगना आया
चंदा चौथ की
खुशियाँ लाया
ढरका आँचल
सिंदुरा झल्काए
सजी सुहाग
मंद मुस्काये|
लाल हथेली
कुछ इतराए
चूड़ी कंगना
ताल मिलाये|
धीरे -धीरे
अंगना आया
चंदा चौथ की
खुशियाँ लाया
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (23-10-2013) "जन्म-ज़िन्दग़ी भर रहे, सबका अटल सुहाग" (चर्चा मंचःअंक-1407) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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