एक प्रयास ---------
2. मंगल के दो चंद्रमा हैं. इनके नाम फ़ोबोस और डेमोस हैं. फ़ोबोस डेमोस से थोड़ा बड़ा है. फ़ोबोस मंगल की सतह से सिर्फ़ 6 हज़ार किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है.1. मंगल को लाल ग्रह कहते हैं क्योंकि मंगल की मिट्टी के लौह खनिज में ज़ंग लगने की वजह से वातावरण और मिट्टी लाल दिखती है.
मंगल के बारे में आपने अक्सर पढ़ा होगा. मंगल पर जीवन की मौजूदगी से भी आगे बहुत सी बातें हैं जो जानना दिलचस्प हो सकता है.
पढ़िए ऐसी ही कुछ दिलचस्प बातें जो शायद आप न जानते हों.
2. मंगल के दो चंद्रमा हैं. इनके नाम फ़ोबोस और डेमोस हैं. फ़ोबोस डेमोस से थोड़ा बड़ा है. फ़ोबोस मंगल की सतह से सिर्फ़ 6 हज़ार किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है.1. मंगल को लाल ग्रह कहते हैं क्योंकि मंगल की मिट्टी के लौह खनिज में ज़ंग लगने की वजह से वातावरण और मिट्टी लाल दिखती है.
3. फ़ोबोस धीरे-धीरे मंगल की ओर झुक रहा है, हर सौ साल में ये मंगल की ओर 1.8 मीटर झुक जाता है. अनुमान है कि 5 करोड़ साल में फ़ोबोस या तो मंगल से टकरा जाएगा या फिर टूट जाएगा और मंगल के चारों ओर एक रिंग बना लेगा.
फ़ोबोस पर गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक हज़ारवां हिस्सा है. इसे कुछ यूं समझा जाए कि धरती पर अगर किसी व्यक्ति का वज़न 68 किलोग्राम है तो उसका वज़न फ़ोबोस पर सिर्फ़ 68 ग्राम होगा.
4. अगर ये माना जाए कि सूरज एक दरवाज़े जितना बड़ा
है तो धरती एक सिक्के की तरह होगी और मंगल एक एस्पिरीन टैबलेट की तरह होगा.
5. मंगल का एक दिन 24 घंटे से थोड़े ज़्यादा का होता है. मंगल सूरज की एक परिक्रमा धरती के 687 दिन में करता है. यानी मंगल का एक साल धरती के 23 महीने के बराबर होगा.
6. मंगल और धरती करीब दो साल में एक दूसरे के सबसे करीब होते हैं, दोनों के बीच की दूरी तब सिर्फ़ 5 करोड़ 60 लाख किलोमीटर होती है.
7. मंगल पर पानी बर्फ़ के रूप में ध्रुवों पर मिलता है और ये कल्पना की जाती है कि नमकीन पानी भी है जो मंगल के दूसरे इलाकों में बहता है.
8. वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल पर करीब साढ़े तीन अरब साल पहले भयंकर बाढ़ आई थी. हालांकि ये कोई नहीं जानता कि ये पानी कहां से आया था, कितने समय तक रहा और कहां चला गया.
9. मंगल पर तापमान बहुत ज़्यादा भी हो सकता है और बहुत कम भी.
10. मंगल एक रेगिस्तान की तरह है, इसलिए अगर कोई मंगल पर जाना चाहे तो उसे बहुत ज़्यादा पानी लेकर जाना होगा.
11. मंगल पर ज्वालामुखी बहुत बड़े हैं, बहुत पुराने हैं और समझा जाता है कि निष्क्रिय हैं. मंगल पर जो खाई है वो धरती की सबसे बड़ी खाई से भी बहुत बड़ी है.
12. मंगल का गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक तिहाई है. इसका मतलब ये है कि मंगल पर कोई चट्टान अगर गिरे तो वो धरती के मुकाबले बहुत धीमी रफ़्तार से गिरेगी.
किसी व्यक्ति का वज़न अगर धरती पर 100 पौंड हो तो कम गुरुत्वाकर्षण की वजह से मंगल पर उसका वज़न सिर्फ़ 37 पौंड होगा.
13. मंगल की सतह पर धूल भरे तूफ़ान उठते रहते हैं, कभी-कभी ये तूफ़ान पूरे मंगल को ढक लेते हैं.
14. मंगल पर वातावरण का दबाव धरती की तुलना में बेहद कम है इसलिए वहां जीवन बहुत मुश्किल है.
बहुत सुन्दर जानकारी दी आपने अरुणा जी | आभार
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