Tuesday, 25 February 2014

-सादर नमन पर्वत-पुरुष के दृढ संकल्प को , इच्छा शक्ति को ................

एक प्रयास ---------सादर नमन पर्वत-पुरुष के दृढ संकल्प को , इच्छा शक्ति को ................

दशरथ माँझी के बारे में बचपन में कादम्बिनी में पढ़ा था ........ माँझी के स्थान पर लिखा था ........'दशरथ मल्लाह'.....
और कुछ साल पहले मेंने इसी नाम से सर्च भी किया था तब पता चला कि यहाँ माँझी दर्ज है
याद है कुछ चित्र थे एक व्यक्ति के जो स्वयं भी नहीं जानता था कि इतिहास रचेगा 
क्यों कि तब वो प्रयासरत थे अपने काम में और कदम बढ़ रहे थे सफलता की ओर........
मात्र छेनी-हथौड़ी से पर्वत का सीना चीर देने वाले उस पर्वत पुरुष ने साठ गाँव के लोगो की राह आसान कर दी ..........
भारत के आम आदमी के प्र्रयास को आम आदमी ने भी लताड़ा -दुत्कारा लेकिन बाईस साल के प्रयास ने लोहा मनवा ही दिया .................

दुखद ये रहा कि 22 साल की इस कठोर तपस्या में सिर्फ एक संबल था उनका और वो थी उनकी पत्नी 'फागुनी देवी ...'
..............जिनके लिए ये तप किया था दशरथ माँझी ने
वो उस दिन को देखने के लिए जिंदा नहीं रही जब वो सपना पूरा हुआ ...........
रास्ता बन कर तैयार होने से लगभग दो साल पहले ही वो चल बसी ..........

......अभी -अभी पढ़ा 'आमिर खान' को 'दशरथ मांझी' याद आये ......उनका परिवार खुश है एक विजेता को याद किया जा रहा है .........शायद आमिर का प्रयास उनका सपना पूरा कर पाए .............जिसे आधा अधूरा छोड निकल पड़े वो अनंत यात्रा पर ........
पढेंगे तो पता चलेगा कि ये प्रोत्साहन मिलता है गरीब आम आदमी को .............
...........यही है कटु सत्य .............सादर नमन पर्वत-पुरुष के दृढ संकल्प को , इच्छा शक्ति को ................
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क्या कठिनाई रही दशरथ मांझी के रास्ते में .......?
साभार -----रविन्द्र संजय जी --------

''धीरे धीरे लोगों को दशरथ मांझी की इस उपलब्धि का अहसास हुआ ....बात बाहर निकली ........पत्रकारों तक पहुंची .......news papers , magazines में छपने लगा तो सरकार तक भी खबर पहुंची ........

नितीश बाबू ने कहा सम्मान करेंगे ......जो सड़क काट के बनायी है उसे PWD से पक्का करवाएंगे जिससे की ट्रक बस आ सके ..........गहलौर से वजीर गंज तक पक्की सड़क बनवायेंगे ......बिहार सरकार का सबसे बड़ा पुरस्कार दिया ........भारत सरकार को पद्मभूषण देने के लिए नाम प्रस्तावित किया ...........पर वाह रे मेरे भारत देश ...वाह .......आगे क्या हुआ ?????? सुनिए ........

1 ) वन विभाग बोला दशरथ मांझी ने गैर कानूनी काम किया है ......
हमारी ज़मीन को हमसे पूछे बिना कैसे खोद दिया .........
इसलिए वहां पक्की सड़क नहीं बन सकती .......
वन विभाग ने कोर्ट से stay ले लिया है ..........
दशरथ मांझी नहीं रहे और वो रास्ता आज भी वैसा ही है जैसा वो छोड़ कर गए
....गाँव वाले किसी तरह वहां से साइकिल ,मोटर साइकिल वगैरह निकाल लेते हैं

2 ) वजीर गंग से गहलौर वाली सड़क अभी तक अटकी हुई है क्योंकि वन विभाग की ज़मीन पर PWD कैसे सड़क बना सकती है ...????

3 ) पद्म भूषण भी जांच में फंस गया ...ये कहा गया किपहले जांच कराओ
क्या वाकई एक आदमी ने ही अकेले इतना बड़ा पहाड़ खोद दिया ......
कैसे खोद सकता है ...??
.ज़रूर अन्य लोगों ने मदद की होगी .........सिद्ध करना होगा कि ये काम अकेले ही किया गया है ...................'
है ना कमाल ..?????

'

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (26-02-2014) को लेकिन गिद्ध समाज, बाज को गलत बताये; चर्चा मंच 1535 में "अद्यतन लिंक" पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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