एक प्रयास ---------1951 में पहले एशियन खेलों की मेजबानी करने वाले मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में शाम को तीन बजकर 50 मिनट पर सूर्य की किरणों से इंचियोन एशियन खेलों की मशाल को प्रज्ज्वलित किया गया। ----
63 साल बाद भारत का मेजर ध्यानचंद स्टेडियम फिर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना और यह पहली बार है कि भारत से बाहर होने वाले एशियन खेलों की मशाल यहां प्रज्ज्वलित की गई।
साधारणत: अभी तक मशाल को मेजबान शहर में ही प्रज्ज्वलित किया जाता है।
पहले एशियन खेलों की 61 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक लैंप को भी इस रिले के दौरान प्रदर्शित किया गया।
भारत के बाद यह टॉर्च विहेई, चीन होते हुए 13 अगस्त को इंचियोन पहुंचेगी।
63 साल बाद भारत का मेजर ध्यानचंद स्टेडियम फिर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना और यह पहली बार है कि भारत से बाहर होने वाले एशियन खेलों की मशाल यहां प्रज्ज्वलित की गई।
साधारणत: अभी तक मशाल को मेजबान शहर में ही प्रज्ज्वलित किया जाता है।
पहले एशियन खेलों की 61 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक लैंप को भी इस रिले के दौरान प्रदर्शित किया गया।
भारत के बाद यह टॉर्च विहेई, चीन होते हुए 13 अगस्त को इंचियोन पहुंचेगी।
रोचक जानकारी !!
ReplyDeleteरक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं !!
बहुत ही रोचक प्रस्तुति,रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteरोचक जानकारी दी अपने ..आभार
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