एक प्रयास ---------
आज इंडिया टीवी पर एक रिपोर्ट देख रही थी -
आज इंडिया टीवी पर एक रिपोर्ट देख रही थी -
दिल्ली के आस-पास पाकिस्तान से आये हिन्दू शरणार्थी बसे हैं
ऐसी बदहाली में रह रहे हैं कि मत पूछिए लेकिन फिर भी खुश है !!!
ऐसी बदहाली में रह रहे हैं कि मत पूछिए लेकिन फिर भी खुश है !!!
सोचिये मेहनत कर एक समय खाते हैं तो दूसरे समय का ठिकाना नहीं,
कोई बुनियादी सुविधा नहीं है उनके पास ,
चूल्हा तक ढंग का नहीं बस एक जगह आंच जलाई और रोटी बना ली
लेकिन खुश है कि ये हमारा अपना देश है |
अपने बेहतर जीवन का सपना आँखों में बसाए पल -पल जीवन की जंग लड़ रहे हैं
एक तरह की मानसिक संतुष्टि है , आज़ादी है और यहाँ से जाना नहीं चाहते .....|
कोई बुनियादी सुविधा नहीं है उनके पास ,
चूल्हा तक ढंग का नहीं बस एक जगह आंच जलाई और रोटी बना ली
लेकिन खुश है कि ये हमारा अपना देश है |
अपने बेहतर जीवन का सपना आँखों में बसाए पल -पल जीवन की जंग लड़ रहे हैं
एक तरह की मानसिक संतुष्टि है , आज़ादी है और यहाँ से जाना नहीं चाहते .....|
भारत सरकार को कोई सकारात्मक कदम उठाना चाहिए इन शरणार्थियों के लिए
विभाजन के समय पिछली पीढ़ी सही निर्णय नहीं ले पायी
जिसका भुगतान आज की पीढ़ी कर रही है .......
सब देश भारत नहीं होते जहाँ शरणार्थी हो या मेहमान सबका अपना महत्व है ......
सबके सम्मान की रक्षा सर्वोपरि है ........
विभाजन के समय पिछली पीढ़ी सही निर्णय नहीं ले पायी
जिसका भुगतान आज की पीढ़ी कर रही है .......
सब देश भारत नहीं होते जहाँ शरणार्थी हो या मेहमान सबका अपना महत्व है ......
सबके सम्मान की रक्षा सर्वोपरि है ........
मानवता के नाते हमारे देश में बांग्ला देश , अफगानिस्तान से असंख्य शरणार्थी शरण लिए हुए हैं जिनके पास इस देश के नागरिक ना होते हुए भी हर महतवपूर्ण प्रमाण पत्र मिलेगा ......
जैसे राशन कार्ड , आधार कार्ड ,वोटर पहचान पत्र ,वो इस देश के शरणार्थी हैं पर पिछले रास्ते से गहरी पैठ बना चुके हैं और आज शायद वो हमें शरणार्थी साबित कर दें| ...........
पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी पर बांग्ला देशी काबिज़ हैं ..
जैसे राशन कार्ड , आधार कार्ड ,वोटर पहचान पत्र ,वो इस देश के शरणार्थी हैं पर पिछले रास्ते से गहरी पैठ बना चुके हैं और आज शायद वो हमें शरणार्थी साबित कर दें| ...........
पूर्वी दिल्ली की सीमापुरी पर बांग्ला देशी काबिज़ हैं ..
कच्चे -पक्के मकानों और झुग्गियों में आपको 21 वी सदी की विलासिता का पूरा संसार मिलेगा लेकिन गंदगी का वो अम्बार है कि आप यहाँ से निकल नहीं सकते नाक दबाये बिना |
लेकिन एक छोटा बांग्ला देश सरपरस्तों के साए में बसा है |
लेकिन एक छोटा बांग्ला देश सरपरस्तों के साए में बसा है |
ऐसे ही यमुना विहार के सी -१२ ब्लोंक के महंगे-महंगे मकान खरीद अफगानी अपनी कालोनी बसा चुके हैं ..............
अब हमारा देश तो ना जाने कितने ही देश के शरणार्थियों को स्थायी निवासी बना चुका है तो इन शरणार्थियों के बारें में भी विचार करे
वैसे भी ये तो अगर सही समय पर आजाते तो आज नागरिक होते यहाँ के ...........
अगर वहां खुश होते तो शायद आते भी नहीं लेकिन मुसीबत के मारे भागे हैं वहां से ,
तो सरकार को सोचना चाहिए एक आम आदमी के नाते मेरी अपील है सरकार से कि कोई उचित निर्णय ले उनके पक्ष में और राहत दे उन मुसीबत के मारों को .....वैसे भी उनके लिए इस जगह से बेहतर कोई जगह हो नहीं सकती
वैसे भी ये तो अगर सही समय पर आजाते तो आज नागरिक होते यहाँ के ...........
अगर वहां खुश होते तो शायद आते भी नहीं लेकिन मुसीबत के मारे भागे हैं वहां से ,
तो सरकार को सोचना चाहिए एक आम आदमी के नाते मेरी अपील है सरकार से कि कोई उचित निर्णय ले उनके पक्ष में और राहत दे उन मुसीबत के मारों को .....वैसे भी उनके लिए इस जगह से बेहतर कोई जगह हो नहीं सकती
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bahut vicharniy vishy par aapne prkash dala hai aruna ji aapne .....!
ReplyDeleteसादर आभार शास्त्री जी :)
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