एक प्रयास ---------
जलप्रलय और तबाही के बाद अब बद्रीनाथ के पास अलकनंदा नदी में एक ऐसी झील बन गई है जो खतरे की घंटी साबित हो सकती है.
भूस्खलन से भग्याणू ग्लेशियर से काफी अधिक मलबा बहकर अलकनंदा में आया है, जिससे एक हिस्से में उसका प्रवाह रुक गया है और वहां झील बन गई है.
झील का दायरा लगभग 2553 वर्ग मीटर है.
माणा इस इलाके में भारत-चीन सीमा से पहले आखिरी गांव है और हाल में आई आपदा में भी यहां नुकसान हुआ है.
झील बनने और उसके टूटने की आशंका ने अलकनंदा के किनारे रहने वाले हजारों लोगों को दहशत से भर दिया है.
जिस तरह से उतराखण्ड पर एक के बाद संकट के बादल मंडरा रहे हैं उसके बाद तो ऐसा ही लगता है कि वाकई धारी देवी के विस्थापन की वजह से ही तो नहीं हो रहा है ये !
ReplyDeleteवाकई चिंता की ही बात है. सरकार से तो कुछ होगा नही बस भगवान भरोसे ही चलने वाला है.
ReplyDeleteरामराम.
ab kuchh salo ke liye us ilake ke logon ko vaha se hata kar prakruti ko akele chhod dena chahiye ...mana ki sainik choukiyon me ek helicopter rakhana chahiye taki kisi bhi samy vaha se sainiko ko nikala ja sake ..
ReplyDeleteवाकई चिन्तनीय है ....
ReplyDeleteबहुत दुखद और चिंतनीय स्थिति...
ReplyDelete"
ReplyDeleteएक अत्यंत संवेदनशील रचना,
सम्मानित मित्र..."