इस पेंटिंग के ऊपरी दाहिनी हिस्से में रामायण के नायक राम को
- उनके पिता कह रहे हैं कि उनके बाद वह राजा बनेंगे.
राम की सौतेली मां ने जब अपने बेटे भरत को राजा बनाने के लिए हस्तक्षेप किया
तब अपनी पत्नी और भाई के साथ वनवास पर जाते राम.
इस पेंटिंग में विभिन्न दृश्य दिखाई दे रहे हैं
- जिसमें इस यात्रा के विभिन्न चरणों में पात्रों को दिखाया गया है.
वनवास के बाद जंगल में भटकने के दौरान उन्होंने अपने रहने की जगह बनाई.
राम पहाड़ के रास्ते जाते हुए जहां फूलों वाले पेड़-पौधे देखकर वे हैरान हो रहे हैं.
मेवाड़ रामायण की 1,200 पृष्ठों वाली पांडुलिपि एक लिपिक ने लिखा था
लेकिन इसके अलावा भी कई कलाकार इससे जुड़े थे.
अयोध्या राज्य में राम की चरण पादुका को सिंहासन पर रखा गया है.
उनके सौतेले भाई भरत ने राम को वापस लाने के लिए राज़ी करने की कोशिश की
जो भगवान विष्णु का अवतार माने जाते हैं.
उन्होंने 14 साल तक के वनवास का वचन पूरा करने के लिए
- वापस आने के लिए इनकार कर दिया.
17वीं सदी में राजस्थान की शाही अदालत में पेश की जाने वाली
इस पांडुलिपि को रामायण का बेहद अहम और
- सुंदर संस्करणों में से एक माना जाता है.
इस तस्वीर में राम और उनके भाई ने वानर सेना की मदद ली
जब राम की पत्नी सीता का अपहरण एक दानव राजा ने कर लिया.
राम एक युद्ध में धनुष से वार करते हुए.
- उन्होंने वानर राजा सुग्रीव के साथ भी गठजोड़ किया.
19वीं सदी के शुरुआत में राजस्थान में ब्रिटिश अधिकारी को पांडुलिपि के
कुछ हिस्से को उपहार के तौर पर पेश किया गया था.
इसमें सुग्रीव अपनी सेना को अपहरण कर ली गई
सीता को खोजने के लिए अलग-अलग हिस्से में बांट रहे हैं.
राम ने निशानी के तौर पर अपनी अंगूठी हनुमान को दे दी
जो दक्षिण के अभियान का नेतृत्व करेंगे.
हनुमान लंका द्वीप पर सीता को ढूंढ लेते हैं जहां सीता दानव सेना से घिरी हुई हैं.
सीता कहती हैं कि उन्हें बचाने की ज़िम्मेदारी वह हनुमान को नहीं दे सकती हैं
क्योंकि यह काम सिर्फ़ राम को ही करना होगा.
हालांकि वह भी राम के लिए निशानी के तौर पर एक गहना भेजती हैं.
राक्षसों के साथ एक भयंकर लड़ाई में हनुमान घायल हो गए
- और उन्हें पकड़ लिया गया.
सृष्टिकर्ता भगवान ब्रह्मा के हस्तक्षेप से वह बचे.
हालांकि हनुमान ने रावण से मिलने के लिए
- आत्मसमर्पण करने का फ़ैसला किया.
राम ने अपने भाई लक्ष्मण के साथ आगे बढ़ रहे हैं
और लंका पर हमला करने के लिए वानरों की एक सेना भी आगे बढ़ रही है.
उन्होंने उत्तरी द्वार पर हमला किया जहां दानव राजा रावण का गढ़ है.
इस भीषण लड़ाई में रावण ने लक्ष्मण पर हमला कर दिया.
हनुमान ने क़ैद से निकलकर रावण के राज्य में भारी तबाही मचाई
और उनके हमले से रावण गिर पड़े.
बाईं तरफ़ घायल लक्ष्मण भी अपने भाई के पैरों के पास पड़े हुए हैं.
राक्षसों की एक सेना रावण के विशालकाय भाई
- कुंभकर्ण को जगाने की कोशिश में जुटे हैं
ताकि उन्हें भी लड़ाई में शामिल किया जाए.
उनके लिए काफ़ी मात्रा में खाना और मृत जानवर परोसा गया है
ताकि वह जगने पर खाएं. कुंभकर्ण को ज़्यादा सोने का शाप मिला था.
राम लंका में विजय हासिल करने के बाद सरयू नदी के
- तट पर जुलूस के साथ आते हैं.
उनके साथ सुग्रीव, उनके भाई, वानर, भालू और अन्य लोग भी साथ में हैं.
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