एक प्रयास ---------
साल 1550 से 1850 तक के समय को
लिटिल आइस एज के नाम से जाना जाता है
वैज्ञानिकों का मानना है कि
सदियों पहले लिटिल आइस एज या
क़रीब साढ़े चार सौ साल पहले
ग्लेशियर के नीचे जम गए
लिटिल आइस एज के नाम से जाना जाता है
वैज्ञानिकों का मानना है कि
सदियों पहले लिटिल आइस एज या
ग्लेशियर के नीचे जम गए
क्लिक करेंपौधे फिर से पनप रहे हैं.
चार सौ साल पुराने इन पौधों को ब्रायोफ़ाइट्स के नाम से जाना जाता है.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज शनिवार (08-06-2013) को मैं .... एक खोज या मैं नाजुक हरसिंगार.....यूँ ना मुझे झडने दो में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आदरणीय शास्त्री जी आभार
Deleteहमारे लिये तो यह नूतन जानकारी है, आभार.
ReplyDeleteरामराम.
राम-राम ताऊ
Deleteआप तो हमेशा ही हौसला बढाते हैं ,सादर आभार
आपका धन्यवाद मित्र
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