एक प्रयास ---------अभी एक चैनल बता रहा था ....
'राहुल की तर्ज़ पर मोदी ने सुनाई माँ की कहानी'
अब माँ तो सबकी होती है किसी के पास ,किसी से दूर , किसी की यादों में ,किसी के ख्यालों में ........
लेकिन माँ की यादों, बातों और माँ की कहानी में अंतर है मेरे पत्रकार मित्रों .......
राहुल की कहानी कागज़ पर लिखी थी ..............
'राहुल की तर्ज़ पर मोदी ने सुनाई माँ की कहानी'
अब माँ तो सबकी होती है किसी के पास ,किसी से दूर , किसी की यादों में ,किसी के ख्यालों में ........
लेकिन माँ की यादों, बातों और माँ की कहानी में अंतर है मेरे पत्रकार मित्रों .......
राहुल की कहानी कागज़ पर लिखी थी ..............
............और मोदी की यादें दिल पर .......
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