Thursday 2 May 2013

हाइकु

एक प्रयास ---------

गाये हथौड़ी 
ठन ठन ठन ठन
छेनी झुक 
करती अभिनन्दन 
-----------------------------
कठोर 'संग' में 
स्वप्न  सजाया 
शिल्पी ने 
आकार बनाया  
--------------------------------
कोमल और 
सजीला सपना 
'संग' तराश 
अब लगता अपना 
----------------------------

No comments:

Post a Comment

आपके आगमन पर आपका स्वागत है .......
आपके विचार हमारे लिए अनमोल है .............