एक प्रयास ---------
गाये हथौड़ी
गाये हथौड़ी
ठन ठन ठन ठन
छेनी झुक
करती अभिनन्दन
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कठोर 'संग' में
स्वप्न सजाया
शिल्पी ने
आकार बनाया
आकार बनाया
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कोमल और
सजीला सपना
'संग' तराश
अब लगता अपना
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