एक प्रयास ---------
कुर्सी पर हम ही बैठेंगे , किसी की नहीं सुनेंगे , देश को लूटेंगे , गरीबों का खून पीयेंगे ,अपने घर भरेंगे , एक दूसरे को बचायेंगे .........बेशर्मी की सीमा हंस-हंस पार करेंगे .........................
सी बी आई को जेब में डाल खूब नाच नचाएंगे ...................
कुर्सी पर हम ही बैठेंगे , किसी की नहीं सुनेंगे , देश को लूटेंगे , गरीबों का खून पीयेंगे ,अपने घर भरेंगे , एक दूसरे को बचायेंगे .........बेशर्मी की सीमा हंस-हंस पार करेंगे .........................
सी बी आई को जेब में डाल खूब नाच नचाएंगे ...................
बहुत खूब...सत्याता है आपके शब्दों में...!
ReplyDeleteसटीक!!
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteसटीक लिखा है ...
ReplyDeleteसच लिखा है ...