Wednesday, 1 May 2013

कान्हा तेरे हाइकु

एक प्रयास ---------

मधुर बंसी 

सुन गोकुल वासी 
भाव विभोर 

कातर स्वर
निरीह पांचाली का
माधव आये

तंदुल संग
बाल सखा सुदामा
द्वारिका द्वार

पाँव पखारे
छलके नयन से
बाल सखा के

गांडीव संग
अर्जुन उत्साहित
कृष्ण सारथी

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